हाईकोर्ट ने कहा- धोखाधड़ी और विश्वासघात की धाराओं में एक साथ नहीं हो सकता मुकदमा

Allahabad High Court

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प्रयागराज। Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला शाहजहांपुर के बड़ा बांदा ब्लाक के चिकटिया ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ डीएम द्वारा पारित 35 हजार, सात सौ तीन रुपये की राशि के वसूली आदेश पर रोक लगा दी है और फिर से विचार करने का आदेश पारित किया है।

कोर्ट ने कहा है कि आदेश के क्रम में ग्राम प्रधान और सचिव तीन सप्ताह में डीएम के समक्ष फिर से अपना अभ्यावेदन सभी दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत करेंगे, जिस पर डीएम चार सप्ताह में नए सिरे से विचार कर उचित आदेश पारित करेंगे। इस दौरान प्रधान और सचिव दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाड़िया ने शाहजहांपुर के सत्यपाल सिंह व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। कहा गया कि डीएम ने अपने तीन अप्रैल 2025 के आदेश में हैंडपंप के रिबोर के मामले में ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ 35 हजार, सात सौ तीन रुपये की राशि के वसूली आदेश पारित कर रखा है।

याचियों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने डीएम के समक्ष उपस्थित होकर अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत किया लेकिन डीएम ने उस पर अभी तक कोई आदेश पारित नहीं किया। दूसरी तरफ उनसे वसूली करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कहा गया है कि उनका पक्ष सुने बिना यह आदेश पारित किया है।

उन्हें सुनवाई को मौका दिया जाना चाहिए। इस पर कोर्ट ने उन्हें पक्ष रखने का मौका देते हुए अपना अभ्यावेदन डीएम के समक्ष प्रस्तुत करने और डीएम को उस पर उचित आदेश पारित करने का आदेश पारित किया।